What is FIR in Hindi (First Information Report) ? How to File Online FIR?

 

What is FIR in Hindi Information

 

नमस्कार दोस्तों , आप का फिर से स्वागत है मेरा हिंदी ब्लॉग (Mera Hindi Blog) पर जहां आप को ब्लॉग्गिंग के साथ साथ ज्ञानवर्धक जानकारी भी प्राप्त हो जाती है।  आज में आप के सामने ऐसा आर्टिकल ले कर आया हु जो किसी भी भारतीय को इसकी जानकारी होनी चाहिए।  जी हाँ में बात कर रहा हु FIR की , What is FIR in Hindi? (FIR क्या है ? ) और How to File FIR (FIR कैसे करे?) .

What is FIR ? How to File Online FIR?
What is FIR ? How to File Online FIR?

 

 

में आप को FIR से सम्बंधित सभी बाते बताऊंगा और साथ में यह भी बताऊंगा की FIR कैसे लिखे ? यानि How to Write FIR ? 

 

तो चलिए आज का ARTICLE शुरु करते है।

 

Table of Content 

1. What is FIR ? or What  is First Information Report ? (FIR क्या है ?

2. How to File FIR ? (FIR कैसे करे ?)  या How to Write FIR ? (FIR कैसे लिखे ?)

3.  Online FIR कैसे करे ? (How to write online FIR Application ?)

4 . यदि पुलिस FIR ना लिखे तो क्या करे ?

 

 

 

1. What is FIR  Report ? or What  is First Information Report ? (FIR क्या है ?)

जब कभी हमारा  या आस पड़ोस में किसी बात को ले कर विवाद हो जाता है या किसी गंभीर दुर्घटना हो जाती है तो हम पुलिस के पास जाते है और उस घटना की जानकारी देते है  या फिर किसी के खिलाफ विरोध दर्ज़ कराते है , और इसी को FIR  कहा जाता है।

 

आसान शब्दो में बोले तो कीसी अपराध की जानकरी पुलिस स्टेशन में देने को FIR ( First Information Report) कहा जाता है।

 

यदि हम और डिटेल्स में बात करे तो में बता दू की FIR के बारे में हमारे The Code of Criminal Procedure ,1973 में धारा 154 और 155 में बताई गयी है।  हमरे कानून की किताब में चाहे वो Indian Constitutions,  Indian Penal Code हो या कोई और सभी को इस प्रकार से लिखा गया है है जिसे आम आदमी समझ ही नहीं सकता इसी  लाभ कुछ पुलिस वाले ले कर लोगो को गुमराह करते है.

 

हमारे Act की भाषा बहुत ही जटिल है जिसे समझने और न्यायालय में लड़ने के लिए वकीलो की सहायता लेनी  परती है।

 

धारा 154 {Information in cognizable case (फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट )} धारा 154 क्या है ?

 

धारा 154 के अनुसार यदि कोई संज्ञेय  अपराध की जानकरी लिख कर पुलिस स्टेशन में दी जाती है तो उसे लिख कर रिकॉर्ड  कर ली जायगी और जिसने ऐसी जानकारी दी है उसे पढ़ कर सुनाई जाएगी।  यदि कोई व्यक्ति बिना लिखे बोल कर किसी अपराध की जानकरी देता है तो ये पुलिस स्टेशन के इंचार्ज की जिम्मेदारी है की वो इस जानकारी को लिखे या किसी को लिखने के लिए बोले।

 

संज्ञेय  अपराध(Cognizable Offence)  वो अपराध होता है जिस पर पुलिस तुरंत अपने विवेक पर करवाई कर सकती है या जो भी उचित हो ऐसा निर्णय ले सकती है इसके लिए उसे न्यायलय की और नहीं देखना परता।

 

FIR करने के बाद क्या होता है ?

जब कोई आपराधिक घटना की जानकारी को पुलिस स्टेशन में लिख कर रिकॉर्ड में ले लिया जाता है तो , उस व्यक्ति से उस पर उसके हस्ताक्षर कराये जाते है और उस FIR की एक छायाकोपी या डुप्लीकेट भी दिया जाता है। और में आप को ये भी बता दू की ये कॉपी फ्री मिलती है।  यदि कोई इस के लिए पैसे मांगता है तो उसे ना दे। {154(2)}

क्या FIR बिना पुलिस स्टेशन गए भी कर सकते है ?

आमतौर आम आदमी पुलिस स्टेशन जाने से डरता है इसका करण है हमारे पुलिस का आमलोगों के साथ अनुचित व्यवहार।  वो ठीक से या प्यार से बात नहीं करते और कुछ पुलिस वाले अपने पॉवर का गलत लाभ भी उठाते है।
ऐसी स्थिति में आप के मन में एक सवाल आता है की क्या FIR बिना पुलिस स्टेशन गए भी करा सकते है ? तो इसका जवाब होगा हाँ।  धारा 154(3) में ये व्यवस्था की गयी है की कोई व्यक्ति बिना गए डाक के माध्यम से FIR की सुचना देता है तो पुलिस उसे  रिकॉर्ड में लेगी और  यदि फिर किसी संज्ञेय  अपराध  को लेकर है तो उस पर कार्यवाई भी करेगी।

 

 

धारा 155  {Information in Non -cognizable case (फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट )} धारा 155 क्या है ?

अब बात करते है धारा 155 की , धारा 155 हभी FIR के बारे में ही है परन्तु इस धारा के अंतर्गत जब कोई व्यक्ति ऐसे अपराध की सुचना देता है जो असंज्ञेय  अपराध हो तो पुलिस स्टेशन का इंचार्ज या उसके आदेश पर कोई अन्य घटना को लिखेगा और रिकॉर्ड में लेगा।
Note :  यहाँ एक महत्वपूर्ण बात ये है की असंज्ञेय  अपराध की सुचना पर पोल्स अधिकारी अपने आप कोई कार्रवाई नहीं कर सकते है जब तक की  अपराध छेत्र के न्यायधीश के आदेश नहीं मिल जाते। {(155(2)}
अर्थात असंज्ञेय  अपराध के मामलो में कोर्ट का आदेश जरुरी है और पुलिस अधिकारी का कर्तव्य और काम है की ऐसी जानकारी कोर्ट को समय रहते दे।

 

कुछ इम्पोर्टेन्ट बात  

  1. यदि कोर्ट का आदेश आने पर पुलिस वैसे की कार्यवाई करेगी जैसे की धारा 154 में करती है परन्तु किसी को गिरफ्तार करने के लिए कोर्ट का आदेश लेना जरुरी है।  {155(3)}
  2. यदि को दो आपराधिक मामलो की सुचना मिलती है जिसमे एक संज्ञेय  अपराध और दूसरा  असंज्ञेय अपराध है तो दोनों को  संज्ञेय  अपराध ही माना जायेगा {155(4)}  
 
 
 

2. How to File FIR ? (FIR कैसे करे ?)  या How to Write FIR ? (FIR कैसे लिखे ?)

How to write FIR application?

 
ऊपर मेरे द्वारा दी गयी जानकरी What is FIR ? or What  is First Information Report ? (FIR क्या है ?) से आप को समझ आ गया होगा की आखिर FIR होती क्या है ?  अब बात करते है की How to File FIR ? (FIR कैसे करे ?)  या How to Write FIR ? (FIR कैसे लिखे ?)
जब भी FIR लिखे तो कुछ बाते होती है जिन्हे ध्यान में रखकर पुलिस को या पुलिस स्टेशन में FIR के माध्यम से सुचना देनी चाहिए।  निचे में कुछ पॉइंट्स दे रहा हु जिन्हे अपने FIR या सुचना में जरूर लिखना चाहिए जो कोर्ट में आप के काम आ सकता है।
How to File FIR ? (FIR कैसे करे ?)
 
निचे कुछ पॉइंट्स बता रहा हु जिसे ध्यान में रख कर एक FIR Report करे या FIR करे।

समय और दिन (Time and Date)

हम सभी जानते है की कोई अपराध या घटना किसी दिन या समय पर ही घटित होती है , तो ये जरुरी हो जाता है की जब भी किसी अपराध की जानकारी दे चाहे बोल कर या लिख कर , समय और दिन जरूर लिखे और बताये। क्योकि इसी जानकारी के आधार पर आगे की कार्यवाई की जाती है।

अपराध की पूरी जानकरी दे या लिखे

 कुछ लोग अपराध की पूरी जानकारी नहीं देते या देना जरुरी नहीं समझते।  वो केवल मुख्य बाते हे बताते है या लिख कर देते है, जो की एक गलत  बात है।  हमेश कोसिस कीजिये की छोटी सी छोटी बात जो आप को याद हो या देखा हो वो जरूर बताये ताकि कोई साबुत मिल सके।

FIR की एक कॉपी जरूर ले

जब भी फिर करे तो पुलिस की ये ड्यूटी है की वो उस फिर या सुचना की एक छाया कॉपी आपको दे  यदि वो अपने आप नहीं देते है तो आप खुद मांग सकते है और उस कॉपी पर पुलिस स्टेशन की मोहर जरूर लगवा ले।  ये कॉपी फ्री मिलती है।

FIR में अपना नाम, पता और फ़ोन नंबर जरूर दे

FIR में अपना नाम , पता और फ़ोन नंबर जरूर दे ताकि कोई सुचना देनी या आप से सुचना लेनी हो तो आप से से सम्पर्क हो सके।
ऊपर दिए गए पॉइंट्स के अलावा कोई बात जरुरी हो, और अपराध से सम्बंधित हो तो वो भी जरूर मेंशन करे।

How to File FIR ? (FIR कैसे करे ?) How to write FIR Application?

 
अब बात करते है की FIR कैसे करे या लिखे।  देखिये FIR की एप्लीकेशन लिखने का कोई भी ऐसे तरीका नहीं नहीं की उसी तरिके से लिखा जाना चाहिए।  आप FIR Application हिंदी, इंग्लिश या अपने किसी भी भाषा में लिख सकते है।
बस थोड़ा सा ये जान लेना काफी  होगा की FIR Application की शुरुवात कैसे करे ? तो ये भी बहुत मुश्किल काम नहीं है।
Step One 
सब से पहले ऊपर  संबंधित पुलिस इंचार्ज को अड्रेस कीजिये और पुलिस स्टेशन का पता लिखिए।  निचे उदाहरण दिया है।
हिंदी में 
सेवा में ,
SHO या पपुलिस स्टेशनभारसाधक/इंचार्ज
पता ______________
पिन कोड _________
In English 
To,
SHO or Police Station In-charge
Address _________________
Pin Code _________________
Step Two 
इसके बाद सब्जेक्ट या शिकयत किस बारे में वो लिखे ताकि कोई पुलिस अधिकारी सब्जेक्ट को देख कर ही समझ जाये की शिकयत किस संबंध में है और अपराध असंज्ञेय  है की संज्ञेय।
 
जो उदाहरण ऊपर दिया है ठीक उसके निचे थोड़ा जगह दे कर अपने शिकयत का विषय लिखे।  यदि आप को समझ नहीं आ रहा है शिकायत का के विषय होगा तो आप बिना सब्जेक्ट के भी FIR Application लिख सकते है।
Step Three 
 
 
जब आप अपना विषय लिख ले तो उसके बाद निचे  वो सुचना लिखे जो आप किसी अपराध के बारे में देना चाहते है।  यानि 
घटना किस तरह की थी या अपराध कैसा था ? 
अपराध कीस दिन हुआ?
अपराध में क्या नुकसान हुआ? 
अपराध आप के साथ हुआ है की आपने अपराध होते देखा है ?
आप का नाम और  कहा रहते है उसकी डिटेल्स आदि। 
 
बोलने का मतलब है आप जितना ज्यादा जानकरी दे सकते है वो आप लिख सकते है ताकि घटना या अपराध का ठीक ठीक पता चल सके। 
 
 
Step Four 
 
जब सभी बाते या घटनाये लिख दे तो आप सब से अंत में अपना नाम पता और मोबाइल के बाद हस्ताक्षर कर दे और पुलिस स्टेशन में दे कर उसकी एक मोहर लगी कॉपी अपने पास रिकॉर्ड के लिए रख ले। 
 
 
 
 

3.  Online FIR कैसे करे ? (How to write online FIR Application ?)

 
आम तौर पर ऑनलाइन FIR  छोटी मोटी  घटनाओ को लेकर किया जाता है जैसे मोबाइल फ़ोन का खो जाना, बैग का खो जाना या कोई जरुरी डाक्यूमेंट्स का कही गिर जाना।   
 
 कुछ ऐसे ही चीज़ो को लेकर ऑनलाइन FIR की जाती है ताकि कल को आपने के वास्तु का इस्तेमाल किसी गलत कामो में हो तो आप ये बता सको की ये खो या गिर गयी थी और आपने इसकी जानकारी ऑनलाइन दे दी थी।  आमतौर पर ऐसे चीज़ो का इन्वेस्टीगेशन ना के बराबर होता है। 
 
यदि आप चाहते है की आपके शिकयत पर कार्यवाई  हो तो आप लिखित में ही FIR दे।  यदि आप किसी कारणवश अपने छेत्र के पुलिस स्टेशन जाने में असमर्थ है तो आप पोस्ट या डाक से भेजे।
 
यदि आप को फिर भी जानना है की Online FIR कैसे करे ?(How to write online FIR Application ?)  इसे E -FIR भी कहा जाता है , इसके लिए में बता दू की भारत के राज्यों में अलग अलग तरीके है कही कही ऑनलाइन FIR की सुविधा भी नहीं है।  फिर भी एक कोशिश कर सकते है 
 
गूगल पर आप सर्च मार सकते है या अपने राज्य के पुलिस वयवस्था ऑफिसियल वेबसाइट  पर जा कर देख सकते है की उधर ऑनलाइन FIR या E – कम्प्लेन की सुविधा है की नहीं यदि है तो आप उस पर क्लीक कर के FIR दर्ज करा सकते है। 
 
 

Online FIR के लिए क्या चाहिए ?

ऑनलाइन FIR कृते समय आप के पास एक ईमेल , मोबाइल , जरुरी है ताकि आप के पास OTP आ सके।  उसके बाद जो बाते मैंने ऊपर बताई है उसके अनुसार आप कम्प्लेन या शिकायत लिख कर सब्मिट कर सकते है। 
 
 
यदि आप को और अधिक जानकारी चाहिए तो आप मेरे INSTAGRAM पर जुड़ कर सवाल कर सकते है 
 
 
 
 
धन्यवाद 
 
 
 

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